Sunday 4 August 2013

भगवान शंकर की महिमा



भगवान शंकर की महिमा का वर्णन अनेक धर्मग्रंथों में किया गया है। सभी में एक ही बात कही गई है कि भगवान शिव अपने भक्तों का कल्याण करने के लिए तत्पर रहते हैं। यदि एक लौटा जल प्रतिदिन शिव पर जढ़ाया जाए तो भी भगवान शिव अपने भक्त से प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शंकर की पूजा से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति संभव है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यदि शिवषडक्षरस्तोत्र का नित्य जप किया जाए तो विशेष फल मिलता है-
ऊँकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिन:। कामदं मोक्षदं चैव ओंकाराय नमो नम:।।
नमंति ऋषयो देवा नमंत्यप्सरसां गणा:। नरा नमंति देवेशं नकाराय नमो नम:।।
महादेवं महात्मानं महाध्यानं परायणम्। महापापहरं देवं मकाराय नमो नम:।।
शिवं शान्तं जगन्नाथं लोकनुग्रहकारकम्। शिवमेकपदं नित्यं शिकाराय नमो नम:।।
वाहनं वृषभो यस्य वासुकि: कंठभूषणम्। वामे शक्तिधरं देवं वकाराय नमो नम:।।
यत्र यत्र स्थितो देव: सर्वव्यापी महेश्वर:। यो गुरु: सर्वदेवानां यकाराय नमो नम:।।
षडक्षरमिदं स्तोत्रं य: पठेच्छिवसंनिधौ। शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते।

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