Thursday 30 May 2013

• क्या मैं किसी और का माला लेकर जप कर सकता हूँ ?



शंका समाधान :

क्या मैं किसी और का माला लेकर जप कर सकता हूँ ?
  प्रत्येक साधक ने अपना माला अलग रखना चाहिए क्योंकि माला से जप करते रहने से कुछ समय उपरांत माला में शक्ति आ जाती है और वह शक्ति हमारे मंत्र के और स्तर के और भाव के अनुसार आती है | यदि किसी व्यक्ति का स्तर अधिक हो और माला में अधिक शक्ति आ गयी हो तो उनके माला से किसी ऐसे साधक जिनका स्तर उनसे कम हो, उन्हें कष्ट हो सकता है क्योंकि उस माला में निहित शक्ति को वह सहन नहीं कर सकता फलस्वरूप नामजप करते समय मन एकग्र न हो पाना, सिर में भारीपन लगना जैसे कष्ट हो सकते हैं अतः अन्य किसी साधक के माला द्वारा जप करना टालें | मात्र गुरु अपनी माला शिष्य को दे सकते है अन्य कोई नहीं !

Tuesday 28 May 2013

विवाहोपरांत स्त्री ने किस कुलदेवता का नाम जपने चाहिए ?


शंका समाधान :
विवाहोपरांत स्त्री ने किस कुलदेवता का नाम जपने चाहिए ?  
सामान्यतः विवाहोपरांत स्त्री का नाम बदलता है मायके का सभी कुछ त्याग कर स्त्री ससुराल में आती है | एक अर्थ से वह उसका पुनर्जन्म ही होता हैं इसलिए विवाहित स्त्री को अपने ससुराल के कुलदेवता का जप करना चाहिए यदि कोई स्त्री बचपन से विशेष नामजप कर रही हो व प्रगत साधक हो, तो विवाह के पश्चात भी वही नामजप जारी रखने में कोई हानि नहीं | यदि गुरु ने किसी स्त्री को उसके विवाह पूर्व नाम दिया हो तो उसे वही नाम जपना चाहिए | यदि स्त्री का सम्बन्ध विच्छेद हो गया हो और उसे संतान हो तो भी स्त्री ने अपने ससुराल के कुलदेवता का ही जप करना चाहिए | और यदि संतान न हो और अपने पिता के घर रह रही हो तो अपने पिता के कुलदेवता का जप करना चाहिए |