Monday 16 September 2013

संध्योपासना के चार प्रकार है


संध्योपासना के चार प्रकार है- (1)प्रार्थना, (2)ध्यान, (3)कीर्तन और (4)पूजा-आरती।
 

व्यक्ति की जिस में जैसी श्रद्धा है वह वैसा करता है।

(1)
प्रार्थना : प्रार्थना को उपासना और आराधना भी कह सकते हैं। समूह में की गई प्रार्थना तो और शीघ्र फलित होती है। सभी तरह की आराधना में श्रेष्ठ है प्रार्थना। प्रार्थना करने के भी नियम है। वेदज्ञ प्रार्थना ही करते हैं। वे‍दों की ऋचाएँ प्रकृति और ईश्वर के प्रति गहरी प्रार्थनाएँ ही तो है। ऋषि जानते थे प्रार्थना का रहस्य।

(2)
ध्यान : ध्यान को ज्ञानियों ने सर्वश्रेष्ठ माना है। ध्यान से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और ध्यान से मोक्ष का द्वार खुलता है।

(3)
कीर्तन : ईश्वर, भगवान या गुरु के प्रति स्वयं के समर्पण या भक्ति के भाव को व्यक्त करने का एक शांति और संगीतमय तरीका है कीर्तन। इसे ही भजन कहते हैं। भजन करने से शांति मिलती है। भजन करने के भी नियम है। गीतों की तर्ज पर निर्मित भजन, भजन नहीं होते। शास्त्रीय संगीत अनुसार किए गए भजन ही भजन होते हैं। सामवेद में शास्त्रीय सं‍गीत का उल्लेख मिलता है।

(4)
पूजा-आरती : पूजा किसी देवता या देवी की मूर्ति के समक्ष की जाती है जिसमें गुड़ और घी की धूप दी जाती है, फिर हल्दी, कंकू, धूम, दीप और अगरबत्ती से पूजा करके उक्त देवता की आरती उतारी जाती है। अत: पूजा-आरती के ‍भी नियम है।

हिंदू कर्तव्यों में सर्वोपरी है संध्या वंदन। संध्या वंदन में सर्वश्रेष्ठ है प्रार्थना। प्रार्थना को वैदिक ऋषिगण स्तुति या वंदना कहते थे।


Wednesday 11 September 2013

सप्त ऋषि :

सप्त ऋषि

विश्वामित्र
जमदाग्नि
भरद्वाज
गौतम
अत्री
वशिष्ठ और
कश्यप






Saturday 7 September 2013

5 महायज्ञ-


5 महायज्ञ-
 

प्रत्येक वैदिक मनुष्य को 5 कर्म जो प्रति दिन करने ही हैं, इनको पांच महायज्ञ कहा जाता है, क्यूंकि ये सभी कर्म यज्ञ स्वरूप हैं l

1.
ब्रह्मयज्ञ - ब्रह्मयज्ञ अर्थात परमात्मा का ज्ञान प्राप्त करना और दूसरों के साथ बाँटना l

2.
पित्रयज्ञ - अपने अभिभावकों का सम्मान करना और पूर्वजों का तर्पण l

3.
देवयज्ञ - प्रतिदिन हवन करना जिसे 'अग्निहोत्र' कहते हैं l

4.
भूतयज्ञ - प्रतिदिन दूसरे प्राणी अर्थात गौमाता, कुत्ता, चींटी, पक्षी आदि सबको भोजन देकर ही भोजन करना l

5.
अथितियज्ञ - हमारे घर आये अतिथियों का सम्मान और उनकी सेवा करना l

ऋषियों की स्थापित ये मर्यादा का चलिए हम पालन करें ... ये 5 महायज्ञ प्रतिदिन करने से पाप मिटते हैं l