सम्पुर्ण जगत में भगवान शिव के समान कोई नही हैा उनकी उपासना से बढ़कर कोई उपसाना नही है एवं उनके मंत्रो से बढ़कर कोई मंत्र नही हैा
मनुष्य योनि प्राप्त करना तभी सफल है जब यह भगवान शिव की सेवा एवं भक्ति में समर्पित हो जाये । भगवान शिव को प्रसन्न करना ही मनुष्य का एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए । जिस व्यक्ति ने इस जन्म में भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया, उसके लिए करने को कुछ शेष नही रह जाता ।
वैसे तो भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोई विधि नही है क्योंकि वो अपने भक्तों पर कब और कैसे प्रसन्न हो जायें ये कोई नही जानता फिर भी गुरूओं के मुख से जो कुछ भी प्राप्त हुआ उसके अनुसार व्यक्ति को साधना करनी चाहिए ।
भगवान शिव का षडाक्षरी मंत्र “ॐ नमः शिवाय” सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वशक्तिशाली मंत्र हैा इस मंत्र के जप से आध्यात्मिक विकास होता है एवं अन्त में मोक्ष प्राप्ति होती हैा इस संसार के सभी ऐश्वर्य एवं भोग शिव साधक के आगे नतमस्तक रहते हैा कोई दुख अथवा कष्ट भगवान शिव के साधक को नही छू सकता । शिव योगी सदैव निरोगी रहता है एवं 100 वर्ष की आयु पूर्ण कर मोक्ष प्राप्त करता हैा
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