Thursday 13 June 2013

गणेश पुराण के मुताबिक स्वभाव के आधार पर तीन तरह के लोग होते हैं-



गणेश पुराण के मुताबिक स्वभाव के आधार पर तीन तरह के लोग होते हैं- पहला दैवीय, दूसरा आसुरी और तीसरा राक्षसी। जानिए, इनके लक्षण और नतीजे क्या होते हैं -

देवीय स्वभाव - ऐसा इंसान क्रोध से दूर, संयम और धैर्य रखने वाला, तेजस्वी, निडर और मान-सम्मान की इच्छा से दूर कर्मठ होता है। ऐसा इंसान पूरे जीवन ही सुख-सौभाग्य के साथ बिताकर अंत में मुक्ति भी पा लेता है।

आसुरी स्वभाव - ऐसा व्यक्ति अहंकारी, कामना और वासनाओं की पूर्ति की लालसा रखने वाला और पाखण्डी या बढ़-चढ़कर बातें करने वाला होता है। जिससे वह जीवन में पहले भोग और कामनापूर्ति तो करता है, किंतु अंत में वहीं उसके घोर दु:ख का कारण बनते हैं।

राक्षसी स्वभाव - राक्षसी स्वभाव का व्यक्ति संवेदना व भावनाहीन या कठोर, दुष्ट, अपवित्र कर्म,बुराई या निंदा करने वाला, ईर्ष्यालु, द्वेषी, मोह और मद में डूबा, तंत्र-मंत्र के मारक प्रयोग करने वाला, किंतु अंदर से भयभीत रहने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति जीवन में बड़े दु:ख ही नहीं पाता, बल्कि अकाल मृत्यु और नरक भी पाता है।

यही नहीं यह भी बताया गया है कि आसुरी या राक्षसी स्वभाव के लोग पिछले जन्मों के बुरे कामों से मिले नरक भोगकर अगले जन्म में भी दीन-हीन,अंधे, लंगड़े या कुबड़े होकर जन्म लेते हैं।

धर्म-कर्म में आस्थावान कोई भी इंसान इन बातों के मूल संदेश यानी अच्छाई को अपनाकर जीवन को सही दिशा देकर बदहाली या दुर्गति से बच सकता है। जिसे ही शास्त्रों में नरक का नाम दिया गया है।

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