Friday 9 May 2014



"ॐ मृत्यूंजाय, रूद्राय, नीलकंठाय, संभवे। अमृतेशाय सर्वाय महादेवाय ते नम:॥
हे रूद्र! आप मृत्यू को जितने वाले हैं। हे नीलकण्ठ आप अमृत सदृश्य सभी को सुख प्रदान करने वाले हैं। हे महादेव आपको नमस्कार।

No comments:

Post a Comment