||महा मृत्युंजय मंत्र ||
!! ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !!
ओम त्र्यंबकम्
मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठर के अनुसार 33 देवताआं के घोतक हैं। उन
तैंतीस देवताओं में 8 वसु 11 रुद्र और 12 आदित्यठ 1 प्रजापति तथा 1 षटकार हैं। इन तैंतीस
देवताओं की सम्पूर्ण शक्तियाँ महामृत्युंजय मंत्र से
निहीत होती है जिससे महा महामृत्युंजय का पाठ करने वाला प्राणी दीर्घायु तो
प्राप्त करता ही हैं । साथ ही वह नीरोग, ऐश्वर्य युक्ता धनवान भी होता है
। महामृत्युंरजय का पाठ करने वाला प्राणी हर दृष्टि से सुखी एवम
समृध्दिशाली होता है । भगवान शिव की अमृतमयी कृपा उस निरन्तंर बरसती रहती है।
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