Saturday 7 September 2013

5 महायज्ञ-


5 महायज्ञ-
 

प्रत्येक वैदिक मनुष्य को 5 कर्म जो प्रति दिन करने ही हैं, इनको पांच महायज्ञ कहा जाता है, क्यूंकि ये सभी कर्म यज्ञ स्वरूप हैं l

1.
ब्रह्मयज्ञ - ब्रह्मयज्ञ अर्थात परमात्मा का ज्ञान प्राप्त करना और दूसरों के साथ बाँटना l

2.
पित्रयज्ञ - अपने अभिभावकों का सम्मान करना और पूर्वजों का तर्पण l

3.
देवयज्ञ - प्रतिदिन हवन करना जिसे 'अग्निहोत्र' कहते हैं l

4.
भूतयज्ञ - प्रतिदिन दूसरे प्राणी अर्थात गौमाता, कुत्ता, चींटी, पक्षी आदि सबको भोजन देकर ही भोजन करना l

5.
अथितियज्ञ - हमारे घर आये अतिथियों का सम्मान और उनकी सेवा करना l

ऋषियों की स्थापित ये मर्यादा का चलिए हम पालन करें ... ये 5 महायज्ञ प्रतिदिन करने से पाप मिटते हैं l

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